Credits

PERFORMING ARTISTS
Agam Kumar Nigam
Agam Kumar Nigam
Performer
Nikhil
Nikhil
Rap
COMPOSITION & LYRICS
Nikhil
Nikhil
Composer
Praveen Bhardwaj
Praveen Bhardwaj
Lyrics

Lyrics

चाहे किसी को तुम दिल दे दो, चाहे किसी को जान
जाते-जाते जान-ए-जानाँ, कर दो ये एहसान
चाहे किसी को तुम दिल दे दो, चाहे किसी को जान
जाते-जाते जान-ए-जानाँ, कर दो ये एहसान
क्यूँ किसी के साथ देखे तुमको मेरी नज़र?
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
चाहे किसी को तुम दिल दे दो, चाहे किसी को जान
जाते-जाते जान-ए-जानाँ, कर दो ये एहसान
क्यूँ किसी के साथ देखे तुमको मेरी नज़र
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
मरना मेरी क़िस्मत है तो ख़्वाब क्यूँ देखूँ जीने के
जब कोई हमदर्द नहीं, क्यूँ ज़ख्म दिखाऊँ सीने के?
आँखों में तुमने तो लगाया है दौलत का काजल
प्यार तुम्हें दिखता है झूठा और ये दुनिया पागल
चाहे मुझे अब पागल कह दो, चाहे कहो नादान
कौन ये जाने हवा का झोंका, झोंका है या तूफ़ान
क्यूँ मैं देखूँ आँखों से अपनी उजड़ा हुआ शहर?
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
कल तक तुम थे मेरे और अब कल से मैं डरता हूँ
तुम ना रहोगे पास में अब उस पल से मैं डरता हूँ
ठोकर भी उस मोड़ पे खाई, शायद ही सँभलूँगा
मर जाऊँगा, भटकूँगा, इस ग़म से ना निकलूँगा
ज़िस्म से देखो निकल रही है धीरे-धीरे जान
पूरी तरह से मर जाऊँ अब है भी यही अरमान
हमसफ़र हो, ख़त्म कर दो तुम ही मेरा सफ़र
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
चाहे किसी को तुम दिल दे दो, चाहे किसी को जान
जाते-जाते जान-ए-जानाँ, कर दो ये एहसान
क्यूँ किसी के साथ देखे तुमको मेरी नज़र?
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
अपने हाथों से मुझे दे दो ज़हर
Written by: Nikhil, Praveen Bhardwaj
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