制作

出演艺人
Junaid Jamshed
Junaid Jamshed
领唱
作曲和作词
Junaid Jamshed
Junaid Jamshed
词曲作者

歌词

दुनिया के ऐ मुसाफ़िर मंज़िल तेरी क़बर है, मंज़िल तेरी क़बर है
तय कर रहा है जो तू दो दिन का ये सफ़र है, दो दिन का ये सफ़र है
दुनिया के ऐ मुसाफ़िर मंज़िल तेरी क़बर है, मंज़िल तेरी क़बर है
तय कर रहा है जो तू दो दिन का ये सफ़र है, दो दिन का ये सफ़र है
जब से बनी है दुनिया लाखों करोडो आये
बाक़ी रहा ना कोई, मट्टी में सब समाये, मट्टी में सब समाये
मत भूलना यहाँ पर सब का यही हशर है, सब का यही हशर है
दुनिया के ऐ मुसाफ़िर मंज़िल तेरी क़बर है, मंज़िल तेरी क़बर है
तय कर रहा है जो तू दो दिन का ये सफ़र है, दो दिन का ये सफ़र है
आँखों से तू ने अपनी कितने जनाज़े देखे
हातों से तू ने अपनी दफनाये कितने मुर्दें, दफनाये कितने मुर्दें
अंजाम से तू अपने क्यों इतना बेखबर है, क्यों इतना बेखबर है
दुनिया के ऐ मुसाफ़िर मंज़िल तेरी क़बर है, मंज़िल तेरी क़बर है
मखमल पे सोने वाले मिट्टी पे सो रहे है
शाहों गदा यहाँ पर सब एक हो रहे है, सब एक हो रहे है
दोनों हुए बराबर ये मौत का असर है, ये मौत का असर है
दुनिया के ऐ मुसाफ़िर मंज़िल तेरी क़बर है, मंज़िल तेरी क़बर है
मट्टी के पुतले तुजको मट्टी में है समाना
इक दिन यहाँ तू आया इक दिन यहाँ से जाना, इक दिन यहाँ से जाना
रुकना नहीं यहाँ पर जारी तेरा सफ़र है, जारी तेरा सफ़र है
दुनिया के ऐ मुसाफ़िर मंज़िल तेरी क़बर है, मंज़िल तेरी क़बर है
तय कर रहा है जो तू दो दिन का ये सफ़र है, दो दिन का ये सफ़र है
दुनिया के ऐ मुसाफ़िर
Written by: Junaid Jamshed
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