歌词
ना कोई दिल में समाया
ना कोई पहलू में आया
जा के भी पास रही तुम ही
ओ, जान-ए-जाँ, जान-ए-मन, जानती हो?
ना कोई दिल में समाया
ना कोई पहलू में आया
जा के भी पास रही तुम ही
ओ, जान-ए-जाँ, जान-ए-मन, जानती हो?
क्यों तुम ने दामन चुराया?
तुम जानो, मैं क्या बताऊँ
मुझमें ही कुछ ऐब होगा
क्यों तुम पे तोहमत लगाऊँ?
मैं तो यही कहूँगा, पूछोगी जब भी
जा के भी पास रही तुम ही
ओ, जान-ए-जाँ, जान-ए-मन, जानती हो?
तुम जो मुझे दे गई हो
एक ख़ूबसूरत निशानी
लिपटा के सीने से उसको
कट जाएगी ज़िंदगानी
मैं तो यही कहूँगा, पूछोगी जब भी
जा के भी पास रही तुम ही
ओ, जान-ए-जाँ, जान-ए-मन, जानती हो?
ना कोई दिल में समाया
ना कोई पहलू में आया
जा के भी पास रही तुम ही
ओ, जान-ए-जाँ, जान-ए-मन
Written by: R.D. Burman, Sahir Ludhianvi