歌词

रे ब्याह दी अनपढ़ हाली के,
तांग रहूँ जंजाली के
दया धर्म भी काटि कोन्या,
करम थोक इस पालि के
ब्याह दी अनपढ़ हाली के,
तांग रहूँ जंजाली के
दया धर्म भी काटि कोन्या,
करम थोक इस पालि के
We are close
Kaam ka na se kaaz ka
यो दुश्मन से अनाज का
तीसरे दिन जाय रहे से
बैरी बदनी साली के
ब्याह दी अनपढ़ हाली के,
तांग रहूँ जंजाली के
ब्याह दी अनपढ़ हाली के,
तांग रहूँ जंजाली के
प्यार ते करदा नी बात कड़े,
दिन देखे न रात कड़े
करले गौर एंडी दाहिया
झाड़ जे कदे बेर दाली ते
ब्याह दी अनपढ़ हाली के,
तांग रहूँ जंजाली के
रे ब्याह दी अनपढ़ हाली के,
तांग रहूँ जंजाली के
रे ब्याह दी अनपढ़ हाली के,
तांग रहूँ जंजाली के
दया धर्म भी काटि कोन्या,
करम थोक इस पालि के
ब्याह दी अनपढ़ हाली के,
तांग रहूँ जंजाली के
दया धर्म भी काटि कोन्या,
करम थोक इस पालि के
Written by: Andy Dahiya, Raju Punjabi
instagramSharePathic_arrow_out

Loading...