積分

演出藝人
Mukesh
Mukesh
主唱
詞曲
DN Modhak
DN Modhak
詞曲創作
Gyan Dutt
Gyan Dutt
作曲

歌詞

बहारों ने जिसे छेड़ा है, वो साज़-ए-जवानी है
ज़माना सुन रहा है जिसको...
ज़माना सुन रहा है जिसको वो मेरी कहानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा...
क़सम खा के किसी को जब कभी अपना बनाऊँगा
चमन की डालियों से लालियाँ फूलों की लाऊँगा
सितारों के चिराग़ों से फिर इस घर को सजाऊँगा
कि इस दुनिया में मुझको एक नई बसानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा...
चमन में सबने ही गाया तराना ज़िंदगानी का
मगर सबसे अलग था रंग मेरी ही कहानी का
फ़साना इस क़दर रंगीन था मेरी जवानी का
कि जिसने भी सुना कहने लगा मेरी कहानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा...
कोई समझे ना समझे, मैं कहे देता हूँ दुनिया से
कि मैं दुनिया में हूँ, मतलब नहीं रखता हूँ दुनिया से
कोई समझे ना समझे, मैं कहे देता हूँ दुनिया से
कि मैं दुनिया में हूँ, मतलब नहीं रखता हूँ दुनिया से
कभी कुछ दिल में आता है तो कह देता हूँ दुनिया से
मेरी आवाज़ ही मेरी तमन्ना की निशानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा है, वो साज़-ए-जवानी है
ज़माना सुन रहा है जिसको...
ज़माना सुन रहा है जिसको वो मेरी कहानी है
बहारों ने जिसे छेड़ा...
Written by: DN Modhak, Gyan Dutt
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