歌詞
टूटे हुए दिल को उल्फ़त का
बस इतना फ़साना याद रहा
एक उनका आना याद रहा
एक उनका जाना याद रहा
टूटे हुए दिल को उल्फ़त का
दिन-रात बरसती हैं आँखें
दिन-रात बरसती हैं आँखें
हँसने को तरसती हैं आँखें
हँसने को तरसती हैं आँखें
हँसने के बहाने भूल गए
रोने का बहाना याद रहा
टूटे हुए दिल को उल्फ़त का
बस इतना फ़साना याद रहा
टूटे हुए दिल को उल्फ़त का
मैं सारा ज़माना भूल गया
मैं सारा ज़माना भूल गया
एक उनकी दुनिया याद रही
एक उनकी दुनिया याद रही
वो मेरी ही दुनिया भूल गए
और सारा ज़माना याद रहा
टूटे हुए दिल को उल्फ़त का
बस इतना फ़साना याद रहा
टूटे हुए दिल को उल्फ़त का
जाना था उन्हें चले जाते
जाना था उन्हें चले जाते
पर याद भी अपनी ले जाते
पर याद भी अपनी ले जाते
क्यूँ आग बुझाना भूल गए?
और आग लगाना याद रहा
टूटे हुए दिल को उल्फ़त का
बस इतना फ़साना याद रहा
टूटे हुए दिल को उल्फ़त का
Written by: Husnlal Bhagatram