歌詞
टूटे हुए ख़ाबों ने हमको ये सिखाया है
दिल ने, दिल ने जिसे पाया था, आँखों ने गँवाया है
टूटे हुए ख़ाबों ने हमको ये सिखाया है
दिल ने, दिल ने जिसे पाया था, आँखों ने गँवाया है
टूटे हुए ख़ाबों ने...
हम ढूँढते हैं उनको जो मिल के नहीं मिलते
रूठे हैं ना जाने क्यूँ, मेहमाँ वो मेरे दिल के
मेहमाँ वो मेरे दिल के
क्या अपनी तमन्ना थी, क्या सामने आया है
दिल ने, दिल ने जिसे पाया था, आँखों ने गँवाया है
टूटे हुए ख़ाबों ने हमको ये सिखाया है
दिल ने, दिल ने जिसे पाया था, आँखों ने गँवाया है
टूटे हुए ख़ाबों ने...
लौट आई सदा मेरी टकराके सितारों से
उजड़ी हुई दुनिया के सुनसान किनारों से
सुनसान किनारों से
पर अब ये तड़पना भी कुछ काम ना आया है
दिल ने, दिल ने जिसे पाया था, आँखों ने गँवाया है
टूटे हुए ख़ाबों ने...
Written by: Salil Chowdhury, Shailendra