歌詞

पलकों को चूम गई पुरवा हवा
आँखें जो खुली तो सब कुछ था नया
पल भर तेरे सपनों में खो गई
दिन के उजाले में ही रात हो गई
काली-काली घटा आके कब छा गई?
आयी बरसात तेरी याद आ गई
भीगे तनहाई मुझे तड़पा गई
छम-छम बरसे घटा, घुँघरू बजाती हैं हवा
आजा रे (आजा रे, आजा रे) आजा रे
छम-छम बरसे घटा, घुँघरू बजाती हैं हवा
आजा रे (आजा रे, आजा रे) आजा रे
सरगम बूंदों की कुछ ऐसी धुन गाए
एक नग़मा लहराए राहों में
मौसम गीतों का मेरे मन को तब भाए
जब सजना तू आए बाँहों में
आजा रे (आजा रे, आजा रे) आजा रे
छम-छम बरसे घटा, घुँघरू बजाती हैं हवा
रिमझिम बरखा में आ मिल के हम भीगे
सपनों में खो जाए सावन में
पागल पंछी के पंखों के साए में
हम बादल तक जाए सावन में
आजा रे (आजा रे, आजा रे) आजा रे
छम-छम बरसे घटा, घुँघरू बजाती हैं हवा
आजा रे (आजा रे, आजा रे) आजा रे
छम-छम बरसे घटा, घुँघरू बजाती हैं हवा
छम-छम बरसे घटा
Written by: Anjaan, Rajesh Roshan, Rajesh Roshan Nagrath
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