積分
演出藝人
Osho Jain
演出者
詞曲
Osho Jain
詞曲創作
歌詞
[Chorus]
तू ही मेरी हर मुसीबत का है हल तू
तू ही मेरी किस्मत मेरा महल तू
Tu hi tu hi
[Verse 1]
चल ना उतर जाएँ गहरा समंदर है
तैरेंगे कब तक किनारों पे
कोई भी मौसम हो सर्दी हो सावन हो
महकेंगे हम तो गुलाबो से
[Chorus]
तू ही मेरी हर मुसीबत का है हल तू
तू ही मेरी किस्मत मेरा महल तू
Tu hi tu hi
[Verse 2]
तू ही नया पुराना अब तू
तू ही मेरा ठिकाना अब तू
तू ही है तू ही तू ही सब तू
तू ही मेरा ज़माना अब तू
तू ही नया पुराना अब तू
तू ही मेरा ठिकाना अब तू
तू ही है तू ही तू ही सब तू
तू ही मेरा ज़माना अब तू
[Verse 3]
नज़र तेरी मुझपे जो आई मैं खिल गया
तारा नहीं पूरा अंबर मिल गया
उलझा धागा मैं सिरा है तू
कैसे मानू के मेरा है तू
उलझा धागा मैं सिरा है तू
कैसे मानू के मेरा है तू
तुझसा ना कोई मिला मुझको
ना कोई आया मेरे पास है
अब तू ही रंगत मेरी जान मेरी
तू ही आखरी सांस है
[Verse 4]
चल ना उतर जाएँ गहरा समंदर है
कैसा भी रस्ता हो अब ना कोई डर है
[Chorus]
तू ही नया पुराना अब तू
तू ही मेरा ठिकाना अब तू
तू ही है तू ही तू ही सब तू
तू ही मेरा ज़माना अब तू
तू ही नया पुराना अब तू
तू ही मेरा ठिकाना अब तू
तू ही है तू ही तू ही सब तू
तू ही मेरा ज़माना अब तू
Written by: Osho Jain

