Lyrics

तौबा, तुम्हारे ये इशारे हम तो दीवाने हैं तुम्हारे राज़ ये कैसे खोल रही हो? तुम आँखों से बोल रही हो जादू आते हैं तुमको सारे तौबा, तुम्हारे ये इशारे हम तो दीवाने हैं तुम्हारे छू लेते हो तार जो दिल के तुम ही बताओ, तुमसे मिल के जानू, दिल कोई क्यूँ ना हारे? तौबा, तुम्हारे ये इशारे जिस्म दमकता जादू-जादू ज़ुल्फ़ घनेरी ख़ुशबू-ख़ुशबू साँसें हमारी महकी-महकी नज़रें तुम्हारी बहकी-बहकी तुम्हारा बदन है जैसे चमन होश उड़ा दें ये नज़ारे तौबा, तुम्हारे ये इशारे हम तो दीवाने हैं तुम्हारे ओ, राज़ ये कैसे खोल रही हो? तुम आँखों से बोल रही हो जादू आते हैं तुमको सारे तौबा, तुम्हारे ये इशारे कोई नशा है छलका-छलका होश बचा है हल्का-हल्का हम हैं जैसे खोए-खोए जागे, लेकिन सोए-सोए मचलती रहो, पिघलती रहो बाँहों के घेरे में हमारे तौबा, तुम्हारे ये इशारे हम तो दीवाने हैं तुम्हारे छू लेते हो तार जो दिल के तुम ही बताओ, तुमसे मिल के जानू, दिल कोई क्यूँ ना हारे? तौबा, तुम्हारे ये इशारे हम तो दीवानी हैं तुम्हारे राज़ ये कैसे खोल रही हो? तुम आँखों से बोल रही हो जादू आते हैं तुमको सारे तौबा, तुम्हारे ये इशारे
Writer(s): Javed Akhtar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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