Lyrics

ਚਲ, ਚਲ ਵੇ ਤੂੰ ਬੰਦਿਆ ਉਸ ਗਲੀਏ जहाँ कोई किसी को ना जाने ਚਲ, ਚਲ ਵੇ ਤੂੰ ਬੰਦਿਆ ਉਸ ਗਲੀਏ जहाँ कोई किसी को ना जाने क्या रहना वहाँ पर, ਸੁਣ ਬੰਦਿਆ जहाँ अपने ही ना पहचानें रह गए हैं जो तुझमें मेरे लम्हे, लौटा दे मेरी आँखों में आके मुझे थोड़ा रुला दे ਚਲ, ਚਲ ਵੇ ਤੂੰ ਬੰਦਿਆ ਉਸ ਗਲੀਏ जहाँ कोई किसी को ना जाने, mmm ख़्वाब जो हुए हैं खंडर, ख़्वाब ही नहीं थे एक नींद थी नीम सी, हाय खो दिया है तूने जिसको, तेरा ही नहीं था एक हार थी जीत सी कितना रुलाएगा ये तो बता ਰੱਬਾ ਵੇ, ਤੁਝੇ ਹੈ ਤੇਰੇ ਰੱਬ ਦਾ ਵਾਸਤਾ ਚਲ, ਚਲ ਵੇ ਤੂੰ ਬੰਦਿਆ ਉਸ ਗਲੀਏ जहाँ कोई किसी को ना जाने क्या रहना वहाँ पर, ਸੁਣ ਬੰਦਿਆ जहाँ अपने ही ना पहचानें, mmm
Writer(s): Uves Akram, Sharib Sabri, Devendra Kumar Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com
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