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Kredity
PERFORMING ARTISTS
Mohd. Rafi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Laxmikant-Pyarelal
Composer
Sahir Ludhianvi
Lyrics
Texty
दिल कहे रुक जा रे रुक जा, यहीं पे कहीं
जो बात इस जगह है कहीं पर नहीं
जो बात, जो बात इस जगह है कहीं पर नहीं
दिल कहे रुक जा रे रुक जा, यहीं पे कहीं
जो बात इस जगह है कहीं पर नहीं
हो, पर्बत ऊपर खिड़की खोले झाँके सुंदर भोर, चले पवन सुहानी
नदियों के ये राग रसीले, झरनों का ये शोर, बहे झर-झर पानी
मद भरा, मद भरा समा, बन धुला-धुला
हर कली सुख पली यहाँ, रस घुला-घुला
तो दिल कहे रुक जा रे रुक जा, यहीं पे कहीं
जो बात इस जगह है कहीं पर नहीं
जो बात, जो बात इस जगह है कहीं पर नहीं
नीली-नीली झील में झलके नील गगन का रूप, बहे रंग के धारे
ऊँचे-ऊँचे पेड़ घनेरे, छनती जिनसे धूप, खड़े बाँह पसारे
चम्पई-चम्पई फ़िज़ा, दिन खिला-खिला
डाली-डाली चिड़ियों कि सदा, सुर मिला-मिला
तो दिल कहे रुक जा रे रुक जा, यहीं पे कहीं
जो बात इस जगह है कहीं पर नहीं
जो बात, जो बात इस जगह है कहीं पर नहीं
परियों के ये जमघट जिनके फूलों जैसे गाल, सभी शोख़ हठीली
इनमें है वो अल्हड़ जिसकी हिरनी जैसी चाल, बड़ी छैल-छबीली
मनचली-मनचली अदा, छब जवाँ-जवाँ
हर घड़ी चढ़ रहा नशा, सुध रही कहाँ
तो दिल कहे रुक जा रे रुक जा, यहीं पे कहीं
जो बात इस जगह है कहीं पर नहीं
जो बात, जो बात इस जगह है कहीं पर नहीं
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Ludiavani Sahir
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