Kredity

PERFORMING ARTISTS
S.P. Balasubrahmanyam
S.P. Balasubrahmanyam
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Laxmikant-Pyarelal
Laxmikant-Pyarelal
Composer
Anand Bakshi
Anand Bakshi
Songwriter

Texty

मुश्किल में है कौन किसी का, समझो इस राज़ को
मुश्किल में है कौन किसी का, समझो इस राज़ को
ले कर अपना नाम कभी तुम ख़ुद को आवाज़ दो
मुश्किल में है कौन किसी का, समझो इस राज़ को
ले कर अपना नाम कभी तुम ख़ुद को आवाज़ दो
मुश्किल में है कौन किसी का...
जीने का ना शौक़ रहे तो क्या रखा है जीने में?
आ-हा, जीने का ना शौक़ रहे तो क्या रखा है जीने में?
इक क़ैदी की तरह पड़ा है कब से ये दिल सीने में
पिंजरे का दरवाज़ा तोड़ो, पँछी को परवाज़ दो
ले कर अपना नाम कभी तुम ख़ुद को आवाज़ दो
मुश्किल में है कौन किसी का, समझो इस राज़ को
मुश्किल में है कौन किसी का...
दोस्तों ये ज़िंदगी इक इम्तिहान है
दोस्तों ये ज़िंदगी इक इम्तिहान है
जीना तो मुश्किल है, मरना आसान है, आसान है
ओ, जीनेवालों ज़िंदगी को कोई अंदाज़ दो
ले कर अपना नाम कभी तुम ख़ुद को आवाज़ दो
मुश्किल में है कौन किसी का, समझो इस राज़ को
मुश्किल में है कौन किसी का...
और नहीं तो कम से कम इतनी तो तकलीफ़ करो
और नहीं तो कम से कम इतनी तो तकलीफ़ करो
लोगों की तारीफ़ों में कभी अपनी भी तारीफ़ करो
सब से तो तुम खुश हो, अपने आप से क्यूँ नाराज़ हो?
ले कर अपना नाम कभी तुम ख़ुद को आवाज़ दो
मुश्किल में है कौन किसी का, समझो इस राज़ को
ले कर अपना नाम कभी तुम ख़ुद को आवाज़ दो
Written by: Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Laxmikant-Pyarelal, Pyarelal Ramprasad Sharma
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