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कल नई कोपले फूटेगी
कल नये फूल मुस्काएँगे
और नई घास के नये फ़र्श पर
नये पाँव इठलाएँगे
वो मेरे बीच नहीं आए
वो मेरे बीच नहीं आए
मैं उनके बीच में क्यूँ आऊँ?
उनकी सुबहों का और शामों का
उनकी सुबहों का और शामों का
मैं एक भी लमहा क्यूँ पाऊँ?
मैं पल दो पल का शायर हूँ
पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
मैं पल दो पल का शायर हूँ
पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
मैं पल दो पल का शायर हूँ
पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
मैं पल दो पल का शायर हूँ
मुझसे पहले कितने शायर
आए और आ कर चलें गएँ
कुछ आहें भर कर लौट गएँ
कुछ नग़में गा कर चलें गएँ
वो भी एक पल का क़िस्सा थे
मैं भी एक पल का क़िस्सा हूँ
कल तुमसे जुदा हो जाऊँगा
वो आज तुम्हारा हिस्सा हूँ
मैं पल दो पल का शायर हूँ
पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
मैं पल दो पल का शायर हूँ
कल और आएँगे नग़मों की
खिलती कलियाँ चुनने वाले
मुझसे बेहतर कहने वाले
तुमसे बेहतर सुनने वाले
कल कोई मुझको याद करे
क्यूँ कोई मुझको याद करे?
मसरूफ़ ज़माना मेरे लिए
क्यूँ वक़्त अपना बर्बाद करे?
मैं पल दो पल का शायर हूँ
पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
मैं पल दो पल का शायर हूँ
पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
मैं पल दो पल का शायर हूँ
Writer(s): Sahir Ludhianvi, Khayyam M Z
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