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तेरे जाने का ग़म और ना आने का ग़म फिर ज़माने का ग़म क्या करें? राह देखे नज़र रात भर जाग कर पर तेरी तो खबर ना मिले बहुत आई गई यादें मगर इस बार तुम ही आना इरादे फिर से जाने के नहीं लाना तुम ही आना मेरी दहलीज़ से होकर बहारें जब गुजरती है यहाँ क्या धूप क्या सावन हवायें भी बरषति है हमें पूछों क्या होता है बिना दिल के जिए जाना बहुत आई गई यादें मगर इस बार तुम ही आना कोई तो राह वो होगी जो मेरे घर को आती है करो पीछा सदा उन का सुनो क्या कहना चाहती है तुम आओगे मुझे मिलने खबर यह भी तुम ही लाना बहुत आई गई यादें मगर इस बार तुम ही आना मरजावां मरजावां
Writer(s): Kunaal Vermaa, Payal Dev Lyrics powered by www.musixmatch.com
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