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दिल खुदगर्ज़ है, फिसला है ये फिर हाथ से कल उसका रहा, अब है तेरा इस रात से ओ मेरी जाँ दिल खुदगर्ज़ है, फिसला है ये फिर हाथ से कल उसका रहा, अब है तेरा इस रात से ओ मेरी जाँ, हू-ऊ, हू-ऊ ओ मेरी जाँ, हू-ऊ, हू-ऊ ओ मेरी जाँ तू आ गया यूँ नज़र में, जैसे सुबह दोपहर में मदहोशी यूँ ही नहीं दिल पे छाई नियत ने ली अंगड़ाई छुआ तूने कुछ इस तरह "बदली फिज़ा बदला समा" ओ मेरी जाँ, हू-ऊ, हू-ऊ ओ मेरी जाँ, हू-ऊ, हू-ऊ दिल खुदगर्ज़ है, फिसला है ये फिर हाथ से कल उसका रहा, अब है तेरा इस रात से ओ मेरी जाँ, हू-ऊ, हू-ऊ ओ मेरी जाँ, हू-ऊ, हू-ऊ ओ मेरी जाँ, हू-ऊ-ऊ-ऊ ओ मेरी जाँ, हू-ऊ-ऊ-ऊ- ओ मेरी जाँ
Writer(s): Pritam Chakraborty, Sayeed Quadri Lyrics powered by www.musixmatch.com
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