Texty
इश्क दे फंनियर लड़ गए मेरी जान के पीछे पड़ गए
सीढ़ी लाके देखो मेरे दिल की छत पे चढ़ गए
सौ सौ आवाजें मारे अखियाँ मारे अखियाँ, मारे अखियाँ
उसे नीचे छत से उतारे अखियाँ उतारे आखियाँ, उतारे अखियाँ
सौ सौ आवाजें मारे अखियाँ इक उसका नाम पुकारे
सोहणे रंग दे माहिया
तेरे ही जैसे लगते हैं सारे
डर लगता ना हो जाए यारी सोहणे रंग दे माहिया.
पूछ ले तू चाँद से गिनता हूँ तारे
डर लगता ना हो जाए यारी
सोहणे रंग दे माहिया. हो
उसे पकडे कौन सपेरा है फैन उसके फुर्तीले
वो तीखी जीभ से गाये तो लगते राग सुरीले
उसे पकडे कौन सपेरा है फैन उसके फुर्तीले
वो तीखी जीभ से गाये तो लगते राग सुरीले
सुन सुन रात गुज़ारे अखियाँ इक उसका नाम पुकारे
सोहणे रंग दे माहिया तेरे ही जैसे लगते हैं सारे
डर लगता ना हो जाए यारी सोहणे रंग दे माहिया
पूछ ले तू चाँद से गिनता हूँ तारे
डर लगता ना हो जाए यारी
Writer(s): Kumaar, Sharib Toshi
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