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कभी आँसू, कभी खुशबू, कभी नग़मा बनकर
कभी आँसू, कभी खुशबू, कभी नग़मा बनकर
हम से हर शाम मिली है, तेरा चेहरा बनकर
कभी आँसू, कभी खुशबू, कभी नग़मा बनकर
हम से हर शाम मिली है, तेरा चेहरा बनकर
कभी आँसू, कभी खुशबू, कभी नग़मा बनकर
मेरी जागी हुई रातों को उसी की हैं तलाश
मेरी जागी हई रातों को उसी की हैं तलाश
सो रहा है मेरी आँखों में जो सपना बनकर
सो रहा है मेरी आँखों में जो सपना बनकर
हम से हर शाम मिली है, तेरा चेहरा बनकर
कभी आँसू, कभी खुशबू, कभी नग़मा बनकर
रात भी आए तो बुझती नहीं चेहरे की चमक
रात भी आए तो बुझती नहीं चेहरे की चमक
रूह में फैल गया है वो उजाला बनकर
रूह में फैल गया है वो उजाला बनकर
हम से हर शाम मिली है, तेरा चेहरा बनकर
कभी आँसू, कभी खुशबू, कभी नग़मा बनकर
धूप में खो गया वो हाथ छुड़ाकर राशिद
धूप में खो गया वो हाथ छुड़ाकर राशिद
घर से जो साथ चला था मेरा साया बनकर
घर से जो साथ चला था मेरा साया बनकर
हम से हर शाम मिली है, तेरा चेहरा बनकर
कभी आँसू, कभी खुशबू, कभी नग़मा बनकर
कभी आँसू, कभी खुशबू, कभी नग़मा बनकर
Writer(s): Mumtaz Rashid, Ali Tejrasar, Ghani Tejrasar
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