Texty
इश्क़ की बारीक़ियाँ
धीरे-धीरे सिखा दे मुझे
थोड़ा तुझमें डुबा दे मुझे
ये बारिशें कुछ कह रहीं
छू के मुझे ये कह रहीं
"अब फ़ासला मुझे नहीं सहना"
मुझे रहना, तेरे साथ ही रहना
मुझे रहना, तेरे पास ही रहना
लूँ सर-ए-रास्ते नींद की झपकियाँ
होश में हैं क्यूँ ये बेहोशियाँ?
वक्त-बेवक्त क्यूँ आ रहीं हिचकियाँ?
तू याद आ रहा है या याद कर रहा?
ख़ुशबू तेरे किरदार की
मुझमें बसी गुलनार सी
तू जो मिले, मुझे है ये कहना
"मुझे रहना, तेरे साथ ही रहना"
मुझे रहना, तेरे पास ही रहना
हो, ख़्वाबों का ऐसा धागा मैंने फ़लक से बाँधा
आसमाँ ज़मीं से जुड़ गया
हो, पहले सितारे टूटे, फ़िर चाँद टूटा
कि सजदे में तेरे झुक गया
राहें मेरी, गलियाँ मेरी
जितनी भी है दुनिया मेरी
तेरे ही नाम है मुझे करना
मुझे रहना, तेरे साथ ही रहना
मुझे रहना, तेरे पास ही रहना
मुझे रहना, तेरे साथ ही रहना
मुझे रहना, तेरे पास ही रहना
Writer(s): Kunal Subash Chand Verma, Anurag Saikia
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