Kredity
PERFORMING ARTISTS
Ritu Pathak
Performer
Nagma Nizami
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Nazakat Shujat
Composer
S Raaj Bhaarti
Songwriter
Piyush Ranjan
Arranger
Aamir Shaikh
Arranger
Texty
मटक-मटक मैं चालूँगी
मटक-मटक मैं चालूँगी
Jaipur से चुनरी मँगा दे
मटक-मटक मैं चालूँगी
तेरी गलियों में बन-ठन के
सहज-सहज पाँ धर लूँगी
सहज-सहज
सहज-सहज
Jaipur से चुनरी मँगा दे
मटक-मटक मैं चालूँगी
तेरी गलियों में बन-ठन के
सहज-सहज पाँ धर लूँगी
ओ, "राज्जी", "राज्जी" बोल के
मैं दिल अपना ये खोल के...
ओ, "राज्जी", "राज्जी" बोल के
मैं दिल अपना ये खोल के मैं प्यार तेरे पे लुटा दूँगी
Jaipur से चुनरी मँगा दे
मटक-मटक मैं चालूँगी
तेरी गलियों में बन-ठन के
सहज-सहज पाँ धर लूँगी
Dips Melodies
मोटी-मोटी अँखियों में सुरमा मन्ने लगाया रे
मल के धूप चेहरे पे रूप यूँ चमकाया रे
मोटी-मोटी अँखियों में सुरमा मन्ने लगाया रे
मल के धूप चेहरे पे रूप यूँ चमकाया रे
मेरा कहणा पुगा दे, तेरे ऐसे लाड़ लड़ा दूँगी
ओ, "राज्जी", "राज्जी" बोल के
मैं दिल अपना ये खोल के...
मैं "राज्जी", "राज्जी" बोल के
मैं दिल अपना ये खोल के प्यार तेरे पे लुटा दूँगी
Jaipur से चुनरी मँगा दे
मटक-मटक मैं चालूँगी
तेरी गलियों में बन-ठन के
सहज-सहज पाँ धर लूँगी
भारो-भारो जोबन म्हारो, लेवे से अँगड़ाई रे
समझ ना पावै जुल्मी, क्यूँ दिल तेरा हरजाई रे?
भारो-भारो जोबन म्हारो, लेवे से अँगड़ाई रे
समझ ना पावै जुल्मी, क्यूँ दिल तेरा हरजाई रे?
दिल की उठती झाल डाट दे, मस्ती कैस करा दूँगी, हाय
ओ, "राज्जी", "राज्जी" बोल के
मैं दिल अपना ये खोल के...
मैं "राज्जी", "राज्जी" बोल के
मैं दिल अपना ये खोल के प्यार तेरे पे लुटा दूँगी
Jaipur से चुनरी मँगा दे
मटक-मटक मैं चालूँगी
तेरी गलियों में बन-ठन के
सहज-सहज पाँ धर लूँगी
Written by: Nazakat Shujat, S Raaj Bhaarti

