Songtexte

मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो तुम को बुलाऊँ, ये पलकें बिछाऊँ क़दम तुम जहाँ-जहाँ रखो ज़मीं को आसमाँ बनाऊँ सितारों से सजाऊँ अगर तुम कहो मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो मैं तितलियों के पीछे भागूँ मैं जुगनुओं के पीछे जाऊँ ये रंग है, वो रोशनी है तुम्हारे पास दोनों लाऊँ जितनी ख़ुशबुएँ बाग़ में मिलें हाँ, जितनी ख़ुशबुएँ बाग़ में मिलें मैं लाऊँ वहाँ पे कि तुम हो जहाँ जहाँ पे एक पल भी ठहरूँ मैं गुलसिताँ बनाऊँ अगर तुम कहो मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो अगर कहो तो मैं सुनाऊँ तुम्हें हसीं कहानियाँ सुनोगी क्या मेरी ज़बानी? तुम इक परी की दास्ताँ या मैं करूँ तुम से बयाँ? हाँ, या मैं करूँ तुम से बयाँ? कि राजा से रानी मिली थी कहाँ कहानियों के नगर में तुम्हें ले के जाऊँ अगर तुम कहो तुम को बुलाऊँ, ये पलकें बिछाऊँ क़दम तुम जहाँ-जहाँ रखो ज़मीं को आसमाँ बनाऊँ सितारों से सजाऊँ अगर तुम कहो मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ कि आरज़ू जगाऊँ अगर तुम कहो हाँ, अगर तुम कहो
Writer(s): Javed Akhtar, Pandit Jatin, Lalit Pandit Lyrics powered by www.musixmatch.com
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