Credits
PERFORMING ARTISTS
Suman Kalyanpur
Performer
Mohd. Rafi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Khaiyyaam
Composer
Sahir Ludhianvi
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
Khaiyyaam
Producer
Songtexte
पर्बतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है
सुरमई उजाला है, चम्पई अंधेरा है
दोनों वक़्त मिलते हैं दो दिलों की सूरत से
आस्मं ने खुश होके रँग सा बिखेरा है
ठहते-ठहरे पानी में गीत सर-सराते हैं
भीगे-भीगे झोंकों में खुशबुओं का डेरा है
पर्बतों के पेड़ों पर ...
क्यों न जज़्ब हो जाएं इस हसीन नज़ारे में
रोशनी का झुरमट है मस्तियों का घेरा है
पर्बतों के पेड़ों पर ...
अब किसी नज़ारे की दिल को आर्ज़ू क्यों हो
जब से पा लिया तुम को सब जहाँ मेरा है
जब से पा लिया तुम को सब जहाँ मेरा है
पर्बतों के पेड़ों पर
Writer(s): N/a Khaiyyaam, N/a Sahir
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