Credits
PERFORMING ARTISTS
Mohd. Rafi
Lead Vocals
COMPOSITION & LYRICS
S.D. Burman
Composer
Sahir Ludhianvi
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
S.D. Burman
Producer
Songtexte
ये कूचे, ...घर दिलकशी के
ये कूचे, ये नीलामघर दिलकशी के
ये लुटते हुए कारवाँ ज़िंदगी के
कहाँ हैं? कहाँ हैं मुहाफ़िज़ खुदी के?
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
ये पुर-पेच गलियाँ, ये बदनाम बाज़ार
ये गुमनाम राही, ये सिक्कों की झंकार
ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
ये सदियों से बे-ख़्वाब, सहमी सी गलियाँ
ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियाँ
ये बिकती हुई खोखली रंग-रलियाँ
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
ये बे-रूह कमरों में खाँसी की ठन-ठन
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे
ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख़ फ़ितरे
ये ढलके बदन और ये बीमार चेहरे
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
यहाँ पीर भी आ चुके हैं, जवाँ भी
तनोमंद बेटे भी, अब्बा मियाँ भी
ये बीवी भी है...
ये बीवी भी है और बहन भी है, माँ भी
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
मदद चाहती है ये हौवा की बेटी
यशोदा की हमजिंस, राधा की बेटी
मदद चाहती है ये हौवा की बेटी
यशोदा की हमजिंस, राधा की बेटी
पयम्बर की उम्मत, ज़ुलेख़ा की बेटी
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
ज़रा मुल्क़ के रहबरों को बुलाओ
ये कूचे, ये गलियाँ, ये मंज़र दिखाओ
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर उनको लाओ
जिन्हें नाज़ हैं हिंद पर, वो कहाँ हैं?
कहाँ हैं? कहाँ हैं? कहाँ हैं?
Written by: S.D. Burman, Sahir Ludhianvi