Songtexte
इतनी मोहब्बत करो ना, मैं डूब ना जाऊँ कहीं
वापस किनारे पे आना, मैं भूल ना जाऊँ कहीं
देखा जबसे चेहरा तेरा, मैं तो हफ़्तों से सोया नहीं
बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
मैं किसी से कहूँगा नहीं
मुझे नींद आती नहीं है अकेले, ख़्वाबों में आया करो
नहीं चल सकूँगा तुम्हारे बिना मैं, मेरा तुम सहारा बनो
इक तुम्हें चाहने के अलावा और कुछ हमसे होगा नहीं
बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
मैं किसी से कहूँगा नहीं
हमारी कमी तुमको महसूस होगी, भीगा देंगी जब बारिशें
मैं भर कर के लाया हूँ आँखों में अपनी अधूरी सी कुछ ख़्वाहिशें
रूह से चाहने वाले आशिक़ बातें जिस्मों की करते नहीं
बोल दो ना ज़रा दिल में जो है छिपा
मैं किसी से कहूँगा नहीं
मैं किसी से कहूँगा नहीं
मैं किसी से कहूँगा नहीं
Writer(s): Junaid Asghar
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