Songtexte

बिखरा पड़ा हूं, जरा सा किस्मत से चुन ले मुझे बिखरा पड़ा हूं, जरा सा किस्मत से चुन ले मुझे अंदर ही अंदर भरा सा फुरसत से सुन ले मुझे तेरे बिना मैं तो बस नाम का हूं आधा अधुरा पैगाम सा हूं पूरा हो जाऊं, तेरे पनाह चाहिए हमको तेरे सिवा तेरे जैसा भी ना चाहिए मेरे दिल के हर एक ज़ख्म की दवा तु चाहिए हमको तेरे सिवा तेरे जैसा भी ना चाहिए मेरे दिल के हर एक ज़ख्म की दवा तु चाहिए खुदको पाया है मैने भीड़ में, घिर चुका हूं मगर, हूं अकेला सा तेरे खातिर ही मैंने, कर दिया सब, तबाह जो मेरा अंधेरा था खो गया, क्या था मैं, क्या बन गया ठहरा हुआ हूं जरा सा आवाज़ दे दे मुझे अंदर ही अंदर ही मारा सा ज़िंदगी ही कर दे मुझे वाकिफ होके भी, अंजाना सा हूं तेरे बिना तो मैं, बीरान सा हूं पुरा हो जाऊं, तेरे दुआ चाहिए रुह तक तो दिखे, ऐसा तेरा निशा चाहिए जुर्म ऐसा करूं, जिसकी तु ही सजा चाहिए हमको तेरे सिवा तेरे जैसा भी ना चाहिए मेरे दिल के हर एक ज़ख्म की दवा तु चाहिए
Writer(s): Rajat Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com
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