Στίχοι
ये दिन क्यूँ निकलता है?
ये रात क्यूँ होती है?
ये पीड़ कहाँ से उठती है?
ये आँख क्यूँ रोती है?
मोहब्बत है क्या चीज़
मोहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ
मोहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ
ये किसने शुरू की, किसने शुरू की
हमें भी सुनाओ
मोहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ
ये किसने शुरू की हमें भी सुनाओ
मोहब्बत है क्या चीज़
मोहब्बत है क्या चीज़
शाम तक था एक भँवरा फूल पर मण्डला रहा
रात होने पर कमल की पंखड़ी में बंद था
क़ैद से छूटा सुबह तो हमने पूछा, "क्या हुआ?"
कुछ न बोला, कुछ न बोला
कुछ न बोला अपनी धुन में बस यही गाता रहा
मोहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ
ये किसने शुरू की हमें भी सुनाओ
मोहब्बत है क्या चीज़
मोहब्बत है क्या चीज़
दहकता है बदन कैसे? सुलगती हैं ये साँसें क्यों?
ये कैसी आग होती है? पिघलती है ये शम्मां क्यूँ?
दहकता है बदन कैसे? सुलगती हैं ये साँसें क्यों?
ये कैसी आग होती है? पिघलती है ये शम्मां क्यूँ?
जल उठी शम्मां तो मचल कर परवाना आ गया
आग के दामन में अपने-आपको लिपटा दिया
हमने पूछा, "दूसरे की आग में रखा है क्या?"
कुछ न बोला, कुछ न बोला
कुछ न बोला अपनी धुन में बस यही गाता रहा
मोहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ
ये किसने शुरू की हमें भी सुनाओ
मोहब्बत है क्या चीज़
मोहब्बत है क्या चीज़
नशा होता है कैसा?
बहकते हैं क़दम कैसे?
नज़र कुछ भी नहीं आता
ये मस्ती कैसी होती है?
एक दिन गुज़रे जो हम मयकदे के मोड़ से
एक मयकश जा रहा था मय से रिश्ता जोड़ के
हमने पूछा, "किसलिये तू उम्र भर पीता रहा?"
कुछ न बोला, कुछ न बोला
कुछ न बोला, अपनी धुन में बस यही गाता रहा
मोहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ (मोहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ)
ये किसने शुरू की हमें भी सुनाओ
मोहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ (मोहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ)
ये किसने शुरू की हमें भी सुनाओ
मोहब्बत है क्या चीज़
मोहब्बत है क्या चीज़
मोहब्बत है क्या चीज़
Writer(s): Anand Santosh, Laximkant Pyarelal
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