Στίχοι

उसको नहीं देखा हमने कभी पर इसकी ज़रूरत क्या होगी? ऐ माँ, ऐ माँ, तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी? उसको नहीं देखा हमने कभी इंसान तो क्या देवता भी आँचल में पले तेरे है स्वर्ग इसी दुनिया में क़दमों के तले तेरे ममता ही लुटाएँ जिसके नयन, हो ममता ही लुटाएँ जिसके नयन ऐसी कोई मूरत क्या होगी? ऐ माँ, ऐ माँ, तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी? उसको नहीं देखा हमने कभी क्यों धूप जलाएँ दुखों की? क्यों ग़म की घटा बरसे? ये हाथ दुआओं वाले रहते हैं सदा सर पे तू है तो अँधेरे पथ में हमें, हो तू है तो अँधेरे पथ में हमें सूरज की ज़रूरत क्या होगी? ऐ माँ, ऐ माँ, तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी? उसको नहीं देखा हमने कभी कहते हैं तेरी शान में जो कोई ऊँचे बोल नहीं भगवान के पास भी माता तेरे प्यार का मोल नहीं हम तो यही जाने तुझसे बड़ी, हो हम तो यही जाने तुझसे बड़ी संसार की दौलत क्या होगी? ऐ माँ, ऐ माँ, तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी? उसको नहीं देखा हमने कभी पर इसकी ज़रूरत क्या होगी? ऐ माँ, ऐ माँ, तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी? उसको नहीं देखा हमने कभी
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Roshan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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