Συντελεστές
PERFORMING ARTISTS
Kishore Kumar
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Laxmikant-Pyarelal
Composer
Majrooh Sultanpuri
Songwriter
Στίχοι
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ, राही, ओ, राही
ओ, राही, ओ, राही
ओ, राही, ओ, राही
ओ, राही, ओ, राही
सूरज, देख, रुक गया है, तेरे आगे झुक गया है
सूरज, देख, रुक गया है, तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले है अपनी धुन में, दीवाना
शाम सुहानी, बन जाते हैं दिन इंतज़ार के
ओ, राही, ओ, राही
ओ, राही, ओ, राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ, राही, ओ, राही
ओ, राही, ओ, राही
Written by: Laxmikant-Pyarelal, Majrooh Sultanpuri

