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Επερχόμενες συναυλίες – Jubin Nautiyal
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Συντελεστές
PERFORMING ARTISTS
Jubin Nautiyal
Performer
Rochak Kohli
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Rochak Kohli
Composer
A.M.Turaz
Lyrics
Στίχοι
सारी गलियाँ तेरी जगमगा दूँगा मैं
हर सुबह तेरी ख़ुद को बना दूँगा मैं
सारी गलियाँ तेरी जगमगा दूँगा मैं
हर सुबह तेरी ख़ुद को बना दूँगा मैं
तू चलेगी जो घर से निकल के कहीं
तो रस्ते में ख़ुद को बिछा दूँगा मैं
ख़ुदा जाने मुझमें तू क्या देखती है
मैं तुझमें ख़ुदा का करम देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी...
ओ, ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
तो फिर मैं कहाँ अपने ग़म देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
तो फिर मैं कहाँ अपने ग़म देखता हूँ
कई रोज़ तक पानी पीता नहीं फिर
हो, कई रोज़ तक पानी पीता नहीं फिर
मैं जब तेरी आँखों को नम देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी...
हो, तू देखे, ना देखे, हमें ग़म नहीं
मगर तुझको देखे बिना हम नहीं
तू देखे, ना देखे, हमें ग़म नहीं
मगर तुझको देखे बिना हम नहीं
ख़यालों में हर पल ही रहता है तू
ये रहने को ज़िंदा हमें कम नहीं
तेरे साथ के एक लम्हे में भी
मैं तेरे साथ के १०० जनम देखता हूँ
ख़ुशी जब भी...
तुझको किया याद, दुनिया भुलाई है
सीने में ऐसी लगन एक लगाई है
तेरी तनहाई मेरी जान पे बन आई है
मिलने की माँगूँ दुआ, मिलने की माँगूँ दुआ
नज़र भर के जब देखता हूँ तुझे मैं
तो ज़ख्मों पे दिल के मरहम देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
तो फिर मैं कहाँ अपने ग़म देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी मैं कम देखता हूँ
तो फिर मैं कहाँ अपने ग़म देखता हूँ
ख़ुशी जब भी तेरी...
ख़ुशी जब भी तेरी...
ख़ुशी जब भी तेरी...
Writer(s): A. M. Turaz, Rochak Kohli
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