Στίχοι
ओ (महफ़ूज़, महफ़ूज़)
ओ (महफ़ूज़, महफ़ूज़)
महफ़ूज़, तेरी यादों में खड़ा हूँ
महफ़ूज़, मेरी बातों में छुपा तू
महबूब, ओ, कारी रातों का सवेरा
मक़बूल, हाँ, मंज़ूर है
महफ़ूज़, तेरी यादों में खड़ा हूँ
महफ़ूज़, मेरी बातों में छुपा तू
महबूब, ओ, कारी रातों का सवेरा
मक़बूल, हाँ, मंज़ूर है
Oo, oo, मेरी रात का चंदा (चंदा)
तू ही तो मेरी पावन गंगा (गंगा)
होनी ना होनी, बात समझ जा (समझ जा)
Oo, oo, मेरी किताबों का पन्ना (पन्ना)
तू ही तो मेरी ख़्वाबों का पलना (पलना)
होनी ना होनी, बात समझ जा (समझ जा)
धीमे-धीमे आ रे, गले से लगा ले
हमें जीने का बहाना दे जाना
सूनी रतिया रे, भीगी अँखियाँ रे
मेरी साँसों में तू आके बँध जाना
महफ़ूज़, तेरी यादों में खड़ा हूँ
महफ़ूज़, मेरी बातों में छुपा तू
महबूब, ओ, कारी रातों का सवेरा
मक़बूल, हाँ, मंज़ूर है
महफ़ूज़, तेरी यादों में खड़ा हूँ
महफ़ूज़, मेरी बातों में छुपा तू
महबूब, ओ, कारी रातों का सवेरा
मक़बूल, हाँ, मंज़ूर है
बन जा कहानी मेरी, थम जा जवानी
मुझको दुनिया नहीं कमानी
अब से, ओ, कब से हमरी नैया पुरानी
गहरी नदिया को बनाए अपनी मंज़िल और ढूँढे तुझको
धीमे-धीमे आ रे, गले से लगा ले
हमें जीने का बहाना दे जाना
सूनी रतिया रे, भीगी अँखियाँ रे
मेरी साँसों में तू आके बँध जाना
महफ़ूज़, तेरी यादों में खड़ा हूँ
महफ़ूज़, मेरी बातों में छुपा तू
महबूब, ओ, कारी रातों का सवेरा
मक़बूल, हाँ, मंज़ूर है
महफ़ूज़, तेरी यादों में खड़ा हूँ
महफ़ूज़, मेरी बातों में छुपा तू
महबूब, ओ, कारी रातों का सवेरा
मक़बूल, हाँ, मंज़ूर है
Writer(s): Anvita Bharti, Ritviz, Ritviz Srivastava
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