Στίχοι

नूर तूने जो बिखेरा अदाओं का मैं ना समझा, पर कोई इशारा था हल्का-हल्का बहता झोंका हवाओं का महका-महका सा समाँ आसमाँ का वो तारा फीका सारा तेरे सामने है माना मैंने, जानाँ रफ़्ता-रफ़्ता ज़रा सा हो इत्र हवा में घुला शामों सी है वो खिली, होंठों पे सुर्ख़ी बड़ी आँखों में जादूगरी, मैं खो गया खिलते फूलों सी हँसी, ज़ुल्फ़ें थीं बिखरी पड़ी देखा उसको दो घड़ी, मैं खो गया रुक सी ही गई है थम गई है ज़िंदगी की डोर तुझ पे आके दिल में बस गई है तेरी हँसी है आसमाँ में चाँद-तारे जैसे छोड़ के मैं मेरी मन्नतें मैं तेरी बोल तो बोलने से पहले पूरी कर दूँ रास्ते सजा दूँ आज मैं रखे जो तू क़दम तेरे जहाँ वहाँ आँखें तेरी समुंदर डूबना मैं चाहूँ, मुझको कोई ना बचाने आना फँस गया दिल बेचारा, ख़्वाब ये पिरोने लगा आँखों को हो ना यक़ीं, इतना कैसे तू हसीं? देखी जैसे हो परी, मैं खो गया खिलते फूलों सी हँसी, ज़ुल्फ़ें थीं बिखरी पड़ी देखा उसको दो घड़ी, मैं खो गया
Writer(s): Kushagra Lyrics powered by www.musixmatch.com
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