Lyrics

ढलने लगी है रात, कोई बात कीजिए बढ़ने लगी है बात, कोई बात कीजिए है ज़िंदगी का साथ, कोई बात कीजिए कट जाएगी ये रात, कोई बात कीजिए जाने तन्हाई हम से क्या कह रही है दिल की गहराई हम से क्या कह रही है एक-एक पल के साथ कोई बात कीजिए बनकर रहेगी बात, कोई बात कीजिए हो, ढलने लगी है रात, कोई बात कीजिए बढ़ने लगी है बात, कोई बात कीजिए जितनी हदें हैं सब तोड़ डालें बातों ही बातों में हम ओ, होंठों के रंग से होंठों पे लिख दें बातें दिलों की, सनम बातें चाहत की रोशनी बनके आएँ बात सुन-सुन के बात भी मुस्कुराए यूँ सादगी के साथ कोई बात कीजिए बनकर रहेगी बात, कोई बात कीजिए ओ, ढलने लगी है रात, कोई बात कीजिए बढ़ने लगी है बात, कोई बात कीजिए पिघलेंगे हम इस चाँदनी में कब तक घुलेंगे बदन? ओ, प्यासा है दिल, प्यासी ये रुत है चुभने लगी हर किरन गुनगुनाती है क्या जवानी सुनेंगे आँखों-आँखों में हर कहानी सुनेंगे होंठों पे रख के हाथ, कोई बात कीजिए बनकर रहेगी बात, कोई बात कीजिए ओ, ढलने लगी है रात, कोई बात कीजिए बढ़ने लगी है बात, कोई बात कीजिए
Writer(s): Rahat Indori Lyrics powered by www.musixmatch.com
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