Lyrics
इत्तेफ़ाक़न कुछ मिला यून
लिखा सच इस-क़दर उस पर
जाओ मिलने दुनिया से तुम अगर
खो दो मासूमियत
मिला एक दिन सरफिरा वो
नशे में हू कहे मेरी सुन
चाहूँ मैं भी फूँकना
तख्त-ओ-ताज़ों की दुनिया
किताबों में हो मेरा
हाशिया-ए-नाम
हुए लतीफे बहुत हुई देर
अब होने को रात
मोहब्बत का रही मेरा इंतज़ार
ज़ुल्फ़ों में उनक्त बस्ती है मेरी कायनात
दुनिया मिल भी गई तोह क्या समझेगी अपने जज़्बात
कह के यूँ चल दिया वो
माफी दो हूँ नशे में गुम
जाओ मिलने दुनिया से तुम अगर
खो दो मासूमियत
हम गए थे दिल लेकर
ऐसी थी रूह-ए-हसरत
मिल गए ज़मानों से हम मगर
बदली सी शख्सियत
जीने की यही कीमत
खो दो मासूमियत
रंगों में ढलती मेरी नीयत
खो दो मासूमियत
दुनिया बदलने की बातों पे जानू तुझको है नाज़
दुनिया मिल भी गई तोह क्या समझेगी अपने जज़्बात
याया यायायायाया
माफी दो हूँ नशे में गुम
माफी दो हुन नशे में गुम
माफी दो हुन नशे में गुम
माफी दो हुन नशे में गुम
Written by: Raman Negi


