Lyrics
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
मिलने के नहीं नयाब हैं हम
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
मिलने के नहीं नयाब हैं हम
ताबीर है जिसकी हसरत-ओ-ग़म
ताबीर है जिसकी हसरत-ओ-ग़म
ऐ हमनफ़्सो वो ख़्वाब हैं हम
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
मिलने के नहीं नयाब हैं हम
ताबीर है जिसकी हसरत-ओ-ग़म
ताबीर है जिसकी हसरत-ओ-ग़म
ऐ हमनफ़्सो वो ख़्वाब हैं हम
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
ऐ दर्द बता कुछ तू ही पता
ऐ दर्द बता कुछ तू ही पता
अब तक ये मुअमा हल ना हुआ
ऐ दर्द बता कुछ तू ही पता
ऐ दर्द बता कुछ तू ही पता
अब तक ये मुअमा हल ना हुआ
हम में हैं दिल-ए-बेताब निहाँ
हम में हैं दिल-ए-बेताब निहाँ
या अाप दिल-ए-बेताब हैं हम
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
मिलने के नहीं नयाब हैं हम
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
मैं हैरत-ओ-हसरत का मारा
मैं हैरत-ओ-हसरत का मारा
ख़ामोश खड़ा हूँ साहिल पर
मैं हैरत-ओ-हसरत का मारा
मैं हैरत-ओ-हसरत का मारा
ख़ामोश खड़ा हूँ साहिल पर
दरिया-ए-मोहब्बत कहता है
दरिया-ए-मोहब्बत कहता है
"आ कुछ भी नहीं पयाब हैं हम"
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
मिलने के नहीं नयाब हैं हम
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
लाखों ही मुसाफ़िर चलते हैं
लाखों ही मुसाफ़िर चलते हैं
मंज़िल पे पहुँचते हैं दो एक
लाखों ही मुसाफ़िर चलते हैं
लाखों ही मुसाफ़िर चलते हैं
मंज़िल पे पहुँचते हैं दो एक
ऐ एहल-ए-ज़माना क़द्र करो
ऐ एहल-ए-ज़माना क़द्र करो
नयाब ना हों क़मयाब है हम
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
मिलने के नहीं नयाब हैं हम
ताबीर है जिसकी हसरत-ओ-ग़म
ताबीर है जिसकी हसरत-ओ-ग़म
ऐ हमनफ़्सो वो ख़्वाब हैं हम
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों
मिलने के नहीं
Written by: Abida Parveen