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Credits

PERFORMING ARTISTS
Rahim Shah
Rahim Shah
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Sabir Zafar
Sabir Zafar
Songwriter
Muhammad Nasir
Muhammad Nasir
Songwriter

Lyrics

ये जो अपना दिल नहीं लगता
क्यूँ होता है ऐसा?
दूर नहीं है अपने फ़िर भी
दर्द है जाने कैसा!
जब इक पल में टूट ही जाए
फ़िर इक पल में जुड़ते नहीं हैं
ये रिश्ते भी क्या रिश्ते हैं!
मिलते हैं पर मिलते नहीं है
जलता फ़लक है, जलती ज़मीं है
तेरे बिना माँ, कुछ भी नहीं है
ओ, माँ मुझको झुलाओ ना, झूला रे
माँ मुझको झुलाओ ना झूला
माँ मुझको झुलाओ ना, झूला रे
माँ मुझको झुलाओ ना झूला
ज़रा हौले हिलाओ माँ, झूला रे
माँ मुझको झुलाओ ना, झूला रे
माँ मुझको झुलाओ ना झूला
नज़दीक है कितनी छाँव तेरे
माँ-बाप है दोनो पाँव तेरे
हों, नज़दीक है कितनी छाँव तेरे
माँ-बाप है दोनो पाँव तेरे
क्यूँ ये दूरी का एहसास होने लगा!
ऐसा लगता है क्यूँ चैन खोने लगा!
झूला, हाँ, झूला, हो, झूला दे ना
रोना नहीं ग़म से, ऐ ज़िंदगी
लम्हें गुज़र जाएँगे आप ही
रोना नहीं ग़म से, ऐ ज़िंदगी
लम्हें गुज़र जाएँगे आप ही
जितना कड़वा है तू उतनी मीठी है माँ
जाने तेरे बिना क्यूँ पिघलती है जाँ!
झूला, हाँ, झूला, हो, झूला दे ना
ओ, माँ मुझको झुलाओ ना, झूला रे
माँ मुझको झुलाओ ना, झूला
माँ मुझको झुलाओ ना, झूला रे
माँ मुझको झुलाओ ना, झूला
ज़रा हौले हिलाओ माँ, झूला रे
माँ मुझको झुलाओ ना, झूला रे
माँ मुझको झुलाओ ना, झूला
Written by: Muhammad Nasir, Sabir Zafar
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