Lyrics

ना मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूँ दिल-नवाज़ी की ना तुम मेरी तरफ़ देखो ग़लत-अंदाज़ नज़रों से ना मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाए मेरी बातों में ना ज़ाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज़ नज़रों से चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेश-क़दमी से मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जलवे पराए हैं मेरे हमराह भी रुसवाइयाँ हैं मेरे माज़ी की तुम्हारे साथ भी गुज़री हुई रातों के साए हैं चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir Lyrics powered by www.musixmatch.com
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