Créditos
PERFORMING ARTISTS
Lata Mangeshkar
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Laxmikant-Pyarelal
Composer
Kaifi Azmi
Songwriter
Letras
दो दिन की ज़िंदगी, कैसी है ज़िंदगी
दो दिन की ज़िंदगी, कैसी है ज़िंदगी
कोई ना ये जाने, हो-हो
भीतर अँधेरा है, बाहर है रोशनी
देखे ना परवाने
दो दिन की ज़िंदगी, कैसी है ज़िंदगी
अरमाँ की बसी जाने कैसी है बस्ती
उतनी ही सूनी, हो-हो
उतनी ही सूनी, जितनी छाई है मस्ती
नज़रों में बाँकपन, आँखों में १०० चमन
सीने में वीराने
दो दिन की ज़िंदगी, कैसी है ज़िंदगी
पहले तो क्या-क्या सपने दिखलाए दुनिया
फिर ख़ुद ही टूटा, हो-हो
फिर ख़ुद ही टूटा सपना बन जाए दुनिया
दुनिया की चाह की, नग़मों की आह की
झूठे हैं अफ़साने
दो दिन की ज़िंदगी, कैसी है ज़िंदगी
फूलों ने देखा खिल के मुरझाना दिल का
तारों ने देखा, हो-हो
तारों ने देखा जल के बुझ जाना दिल का
थे कल जो मेहरबाँ, थे कल जो राज़दाँ
निकलें वो बेगाने
दो दिन की ज़िंदगी, कैसी है ज़िंदगी
Written by: Kaifi Azmi, Laxmikant-Pyarelal

