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क्यूँ आग का दरिया है जो डूब के जाना है? क्यूँ ठंडी लहर नहीं जो पार लगा जाए? क्यूँ टूटे रस्ते हैं? क्यूँ सूनी गलियाँ हैं? क्यूँ ऐसी राह नहीं जो यार मिला जाए? जिस किस्से में तू इबादत है वो बस एक झूठी बात है क्या? ऐ, इश्क़, तेरी... ऐ, इश्क़, तेरी ज़ात है क्या? ऐ, इश्क़, तेरी ज़ात है क्या? क्या धरम है तेरा, याद है क्या? ऐ, इश्क़, तेरी ज़ात है क्या? ये दुनिया भी क्या दुनिया है, जो इश्क़ की बैरी बन बैठी? यहाँ सुर्ख-गुलाबी शामें भी घनघोर दोपहरी बन बैठी ये दुनिया भी क्या दुनिया है, जो इश्क़ की बैरी बन बैठी? यहाँ सुर्ख-गुलाबी शामें भी घनघोर दोपहरी बन बैठी जहाँ राधा के संग कृष्ण हुए वहाँ टूटे दिल, ये रिवाज़ है क्या? ऐ, इश्क़, तेरी... (ऐ, इश्क़, तेरी-) ऐ, इश्क़, तेरी ज़ात है क्या? ऐ, इश्क़, तेरी ज़ात है क्या? क्या धरम है तेरा, याद है क्या? ऐ, इश्क़, तेरी ज़ात है क्या? ना जाने दुनिया की रस्में, दिल तो दिल पहचाने रब जैसा है इश्क़, तो रब के बंदे क्यूँ ना माने? मासूम सी आँखों में जाने क्यूँ दर्द-खौफ़ के साये हैं क्यूँ हर आशिक़ के दामन में बस खून के छीटे आये हैं? मासूम सी आँखों में जाने क्यूँ दर्द-खौफ़ के साये हैं क्यूँ हर आशिक़ के दामन में बस खून के छीटे आये हैं? हर शख्स खुदा बन बैठा है तू कह दे तेरी बिसात है क्या? ऐ, इश्क़, तेरी... (ऐ, इश्क़, तेरी-) ऐ, इश्क़, तेरी ज़ात है क्या? ऐ, इश्क़, तेरी ज़ात है क्या? क्या धरम है तेरा, याद है क्या? ऐ, इश्क़, तेरी ज़ात है क्या?
Writer(s): Ripul Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com
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