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थामो साँसों को, और चलता हूँ लहरों में तो फिर से मेरी देखी खूबसूरतें आंशुओं को मैंने गिरती है, आँखों से हो जो कितने हैं ने रातों में हैं जो करना बातें तुमसे मैं तुम्हें छोड़ना तो चाहूँ आज फिर से तो फिर भी मैं अकेला होना जानूँ क्यों मैं तुम ऐसे मैं सुनूँ मेरी ये आवाजें तो फिर ऐसे हूँ बेहता मैं इशहा में लगते हो, मैं चाहूँ मैं जाना, तो चाहूँ मिला दूंगा फिर से, तुझे यहाँ मैं आउंगा, वहाँ जितना मैं, आता हूँ तेरे ही तो करीब उतनी ही साँसें, मैं तो खोता हूँ क्यूँ इतनी दूर हो, दूर तो मैं चुका ये, हो जो कितने हैं ने रातों में हैं जो करना बातें तुमसे मैं तुम्हें छोड़ना तो चाहूँ आज फिर से तो फिर भी मैं अकेला होना जानूँ क्यों मैं तुम ऐसे मैं सुनूँ मेरी ये आवाजें तो फिर ऐसे हूँ बेहता मैं इशहा में लगते हो, मैं चाहूँ मैं जाना तो चाहूँ मिला दूंगा फिर से, तुझे यहाँ मैं आउंगा वहाँ
Writer(s): Vivek Roy Lyrics powered by www.musixmatch.com
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