Créditos
PERFORMING ARTISTS
Calm
Vocals
Encore ABJ
Vocals
COMPOSITION & LYRICS
Siddhant Sharma
Songwriter
Abhijay Negi
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
Calm
Producer
Letras
[Intro]
तेरी आँखें खुश नहीं
मुझे कहती कुछ नहीं
तेरी आँखें खुश नहीं
मुझे कहती कुछ नहीं
[Chorus]
कवि ने सीखा क्या है करना प्यार पहले था वो अंधा यार
हवस में ढूंढे प्यार है वो अंधा प्यार
दबाया बीस्ट आया बंदा बाहर हुआ उसे क्लोज़ जैसे बंद आकर
धंधा करता जमुनापार
कवि ने सीखा क्या है लड़ना यार
देखी क्या है हिम्मत क्या है इज़्ज़त क्या है
खुद-ब-खुद मैं मरना यार
तो अब इन घाव से मैं नहीं डरता यार
आँसुओं से लड़ता नहीं जब करता हूँ मैं अपने बीते कल को याद
[Verse 1]
नहीं लड़ता आँसुओं से
कर नहीं पाता कल को याद मैं
कर नहीं पाता मन को शांत
तोह आता है गीत और पेन ये काम में
कोसू खुदको गाली देता हूं
करता जब भी स्नूज़ अलार्म
हैं होमीस सोचें कैसे फुकेगा
मैं सूरज निकल कहा से (उह)
करु मैं ख़ुदसे वादे इस बार
देखें कब तक निभाते
दर्द पे मिट्टी पा के मर
मारा के आ गए यहां पे
सब ठीक है वीडियो में
पर कुछ चीज़ें तुम देख नहीं पाते
पसीना खून नहीं दिखता है
जब ये चैने चमके यहाँ पे
[Verse 2]
करता फेयर काम नहीं पता दिल कहां है
नोव्हेयर टू बी फाउंड वो नहीं करता चूज़ साइड्स
सुनु आज कल दुनिया की दिल और भी जनाए
इट्'स लाइक आई एम ऑन माय ओन जब भी कलम रुक जाए
[Refrain]
तेरी आँखें खुश नहीं
मुझे कहती कुछ नहीं
तेरी आँखें खुश नहीं
मुझे कहती कुछ नहीं
[Verse 3]
दर्द मुझे दिखता है
तू कहती नहीं है कुछ पर
तेरा दर्द मुझे दिखता है
तेरी आँखें हैं दिखाती
तेरा दर्द मुझको दिखता है
मेरे शब्दों में क्या कोई
हमदर्द तुझको दिखता है (नहीं)
दिखे ना दिखे तेरा दर्द मुझको दिखता है
मुझको दिखती है उदासी तेरा शक़ मुझको दिखता है
तेरे बहते आँसुओं पे तेरा हक़ मुझको दिखता है
मुझे दिखती तू और तुझमें अपना फ़र्ज़ मुझको दिखता है
अग्निपथ पे चल पड़ा अब आगे नरक मुझको दिखता है
आग लग रही है तेरा दम घुट रहा है तेरी साँस चढ़ रही है
मेरी ज्वाला के आगे ये अग्नि झंट भर नहीं है
तू बस बोलना तुझे चाहिए क्या बोलना तुझे चाहिए क्या
पहला उसको चाहिए सच्चा साथी
दूजा उसको चाहिए ऐसा मर्द जो गलती पे ले मांग माफी
और तीजा उसको चाहिए जो है हर जगह और हर जगह है ना भी
उसको चाहिए प्यार उसको चाहिए प्यार
[Chorus]
कवि ने सीखा क्या है करना प्यार पहले था वो अंधा यार
हवस में ढूंढे प्यार है वो अंधा प्यार
दबाया बीस्ट आया बंदा बाहर हुआ उसे क्लोज़ जैसे बंद आकर
धंधा करता जमुनापार
कवि ने सीखा क्या है लड़ना यार
देखी क्या है हिम्मत क्या है इज़्ज़त क्या है
खुद-ब-खुद मैं मरना यार
तो अब इन घाव से मैं नहीं डरता यार
आँसुओं से लड़ता नहीं जब करता हूँ मैं अपने बीते कल को याद
Written by: Abhijay Negi, Siddhant Sharma

