Letra

कम्बख़्त इश्क़ है जो सारा जहाँ है वो कब आता है, कब जाता है पर रहता है जब तक ये कम्बख़्त जन्नत दिखाता है कम्बख़्त इश्क़ है जो सारा जहाँ है वो कब आता है, कब जाता है पर रहता है जब तक ये कम्बख़्त जन्नत दिखाता है कम्बख़्त इश्क़ है जो सारा जहाँ है वो कब आता है, कब जाता है पर रहता है जब तक ये कम्बख़्त जन्नत दिखाता है ये इश्क़-इश्क़ हिम्मत है, ये इश्क़-इश्क़ किस्मत है ये इश्क़-इश्क़ ताक़त है, ये इश्क़ दिल की दौलत है ये इश्क़-इश्क़ हिम्मत है, ये इश्क़-इश्क़ किस्मत है ये इश्क़-इश्क़ ताक़त है, ये इश्क़ दिल की दौलत है ये इश्क़ ना मिट पाएगा, तू इश्क़ में मिट जाएगा है इश्क़ में मिटना ऐसा कोई नया जानम हो जैसा कम्बख़्त इश्क़ है जो सारा जहाँ है वो तड़पता है, हो, तरसता है पर रहता है जब तक ये कम्बख़्त जन्नत दिखाता है दिल-दिल में बसा है ऐसे पत्थर पे लकीरें जैसे इस से बचना है मुश्किल बचना चाहें तो कैसे? दिल-दिल में बसा है ऐसे पत्थर में लकीरें जैसे इस से बचना है मुश्किल बचना चाहें तो कैसे सालों से यहाँ रहता है हर कोई इसे करता है इस से छुपाना है मुश्किल इस में न कोई पर्दा है कम्बख़्त इश्क़ है जो सारा जहाँ है वो कब आता है, कब जाता है पर रहता है जब तक ये कम्बख़्त जन्नत दिखाता है रे कम्बख़्त इश्क़ है जो (है जो) सारा जहाँ है वो (है वो) कब आता है (तड़पता है रे), कब जाता है (तरसता है रे) पर रहता है जब तक ये कम्बख़्त जन्नत दिखाता है (जाता है रे)
Writer(s): Sandeep Chowta, Nitin Raikwar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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