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Créditos
PERFORMING ARTISTS
Kumar Sanu
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Jatin-Lalit
Composer
Javed Akhtar
Songwriter
Letra
दिल है ऐसा राही जिसने
मंज़िल को ही नहीं जाना
दिल है ऐसा राही जिसने
मंज़िल को ही नहीं जाना
तन्हा-तन्हा घूम रहा है
कब से ये दीवाना, हाँ
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
दिल है ऐसा राही जिसने
मंज़िल को ही नहीं जाना
तन्हा-तन्हा घूम रहा है
कब से ये दीवाना, हाँ
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
हैरानी में हूँ, कैसे मैं कहूँ
क्या ग़म है मुझे क्या खो गया?
सब तो है वही, फिर है क्या कमी?
ऐ दिल, ये तुझे क्या हो गया?
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
दिल है ऐसा राही जिसने
मंज़िल को ही नहीं जाना
तन्हा-तन्हा घूम रहा है
कब से ये दीवाना, हाँ
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
मैंने क्या किया? दिन में सो गया
अब जागा हूँ मैं तो रात है
कोई साथ था, जब वो जा चुका
याद आई मुझे एक बात है
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
दिल है ऐसा राही जिसने
मंज़िल को ही नहीं जाना
तन्हा-तन्हा घूम रहा है
कब से ये दीवाना, हाँ
मैं क्या करूँ? क्या करूँ?
मैं क्या करूँ? मैं क्या करूँ?
Writer(s): Javed Akhtar, Pandit Jatin, Lalit Pandit
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