Letra

घटा छा गई है, बहार आ गई है ओ, घटा छा गई है, बहार आ गई है ओ, ये रुत हम पे यूँ मेहरबाँ हो गई है मोहब्बत मेरी अब जवाँ हो गई है घटा छा गई है, बहार आ गई है ओ, मैं प्यासा राही, तू पनघट की रानी बुझा प्यास मेरी, तेरी मेहरबानी घटा छा गई है, बहार आ गई है ये दूरियाँ, फ़ासले क्यूँ? अब दिल से दिल को जोड़ दो ये दूरियाँ, फ़ासले क्यूँ? अब दिल से दिल को जोड़ दो आ, तुझको बाँहों में भर लूँ आ, तुझको बाँहों में भर लूँ हो, लाज के पहरे तोड़ दो कहीं खो गई हूँ, तेरी हो गई हूँ हो, मैं प्यासा राही, तू पनघट की रानी बुझा प्यास मेरी, तेरी मेहरबानी घटा छा गई है, बहार आ गई है तू मेरे बचपन का साथी खेली खेल तेरे अंगना तू मेरे बचपन का साथी खेली खेल तेरे अंगना आई जवानी तो पहना आई जवानी तो पहना हो, कंगना तेरे नाम का दिल आ गया है कि नशा छा गया है ओ, ये रुत हम पे यूँ मेहरबाँ हो गई है मोहब्बत मेरी अब जवाँ हो गई है घटा छा गई है, बहार आ गई है लेके ज़माने की ख़ुशियाँ आ, चल दूँ तेरे संग में लेके ज़माने की ख़ुशियाँ आ, चल दूँ तेरे संग में ये तेरी काया है कोरी ये तेरी काया है कोरी हो, रंग दूँ प्यार के रंग में उतरे जो सावन, मन भाए साजन हो, मैं प्यासा राही, तू पनघट की रानी बुझा प्यास मेरी, तेरी मेहरबानी घटा छा गई है, बहार आ गई है घटा छा गई है, बहार आ गई है हो, घटा छा गई है, बहार आ गई है घटा छा गई है, ला-ला, ला-ला, ल-ला-ला
Writer(s): Verma Malik Lyrics powered by www.musixmatch.com
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