Letra

कैसे बताएँ? कैसे जताएँ? सुबह तक तुझ में जीना चाहें भीगे लबों की गीली हँसी को पीने का मौसम है, पीना चाहें एक बात कहूँ, क्या इजाज़त है? तेरे इश्क़ की मुझ को आदत है एक बात कहूँ, क्या इजाज़त है? तेरे इश्क़ की मुझ को... आदत है, ओ, आदत है आदत है, ओ, आदत है एहसास तेरे और मेरे तो एक-दूजे से जुड़ रहे एक तेरी तलब मुझे ऐसी लगी मेरे होश भी उड़ने लगे मुझे मिलता सुकूँ तेरी बाँहों में जन्नत जैसी एक राहत है एक बात कहूँ, क्या इजाज़त है? तेरे इश्क़ की मुझ को आदत है एक बात कहूँ, क्या इजाज़त है? तेरे इश्क़ की मुझ को... आदत है, ओ, आदत है आदत है, ओ, तेरी आदत है क्यूँ सबसे जुदा? क्यूँ सबसे अलग अंदाज़ तेरे लगते? बेसाख्ता हम साए से तेरे हर शाम लिपटते हैं हर वक्त मेरा क़ुर्बत में तेरी जब गुज़रे तो इबादत है एक बात कहूँ, क्या इजाज़त है? तेरे इश्क़ की मुझ को आदत है एक बात कहूँ, क्या इजाज़त है? तेरे इश्क़ की मुझ को... आदत है, ओ, आदत है आदत है, ओ, तेरी आदत है
Writer(s): Shabbir Ahmed, Meet Bros Lyrics powered by www.musixmatch.com
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