Créditos

ARTISTAS INTÉRPRETES
Mohammed Rafi
Mohammed Rafi
Intérprete
COMPOSICIÓN Y LETRA
Laxmikant-Pyarelal
Laxmikant-Pyarelal
Composición

Letra

सूखी धरती धूल उड़ावे
जलता गगन अगन बरसावे
डाल से पत्तियाँ टूट के गिर गईं
छाँव नहीं, पंछी कित जाएँ
रुत बसंत की जाने कहाँ है
गली-गली में रहा बुलाए
कही से अब तो बोल दे, सजनी
गले में काँटें पड़ गए, हाय
आ, अब तो, आजा
बहुत दिन बीत गए, आजा
आ, अब तो, आजा
बहुत दिन बीत गए, आजा
प्यासे दिल पे प्यार की बरखा
छम-छम बरसा जा, क़सम से
आ, अब तो, आजा
बहुत दिन बीत गए, आजा
आ, अब तो, आजा
बहुत दिन बीत गए, आजा
कोई बिरह की धूप में सुलगे
कोई बिरह की धूप में सुलगे
तेरी डगर से अँखियाँ जोड़े
आ जाओ मेरी पवन-बसंती
बादल की चुनरिया ओढ़े
आ, जीवन के वीराने में
बहार बनके छा जा
आ, अब तो, आजा
बहुत दिन बीत गए, आजा
आ, अब तो, आजा
आजा
आजा
आजा
(आई, मोरे राजा, तेरे लिए)
(आई, मोरे राजा)
(आई, मोरे राजा, तेरे लिए)
(आई, मोरे राजा)
(अँखियाँ मिलाई, रस की बूँदें)
(पी के लहरा जा, क़सम से)
(आई, मोरे राजा, तेरे लिए)
(आई, मोरे राजा)
(आई, मोरे राजा, तेरे लिए)
(आई, मोरे राजा)
बिन बादल बिजली चमकी, दिन में तारे टूट गए
बिन बादल बिजली चमकी, दिन में तारे टूट गए
प्यार ने ऐसी अँगड़ाई ली, बंधन सारे टूट गए
खिल गए फुलवा, देख, मिलन के
तू भी खिलता जा, क़सम से
(आई, मोरे राजा, तेरे लिए)
(आई, मोरे राजा)
(आई, मोरे राजा, तेरे लिए)
(आई, मोरे राजा)
Written by: Laxmikant-Pyarelal, Majrooh Sultanpuri
instagramSharePathic_arrow_out

Loading...