Créditos

ARTISTAS INTÉRPRETES
Vivek Singh
Vivek Singh
Voz principal
Namita Choudhary
Namita Choudhary
Intérprete
COMPOSICIÓN Y LETRA
Laxmikant-Pyarelal
Laxmikant-Pyarelal
Composición
Anand Bakshi
Anand Bakshi
Letra

Letra

सावन का महीना, पवन करे सोर
जियरा रे झूमे ऐसे, जैसे बन मा नाचे मोर
सावन का महीना, पवन करे सोर
जियरा रे झूमे ऐसे, जैसे बन मा नाचे मोर
राम गजब ढाए, ये पुरवैया
नैया सम्भालो, कित खोए हो खिवैया?
राम गजब ढाए ये पुरवैया
नैया सम्भालो, कित खोए हो खिवैया?
पुरवैया के आगे, चले ना कोई ज़ोर
जियरा रे झूमे ऐसे, जैसे बन मा नाचे मोर
मौजवा करे क्या जाने, हमको इशारा
जाना कहाँ है? पूछे, नदियाँ की धारा
मौजवा करे क्या जाने, हमको इशारा
जाना कहाँ है? पूछे, नदियाँ की धारा
मर्ज़ी है तुम्हारी, ले जाओ जिस ओर
जियरा रे झूमे ऐसे, जैसे बन मा नाचे मोर
सावन का महीना, पवन करे सोर
जियरा रे झूमे ऐसे, जैसे बन मा नाचे मोर
Written by: Anand Bakshi, Laxmikant-Pyarelal
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