Letra

भाभी कंगन खनकाती है और माँ लोरियाँ गाती है भाभी कंगन खनकाती है और माँ लोरियाँ गाती है मद्धम-मद्धम सी पवन चले कोयलिया गीत सुनाती है बच्चा वहाँ आज भी चाँद को "चंदा मामा" कहता है जिस देश में गंगा रहता है जिस देश में गंगा रहता है भाभी कंगन खनकाती है और माँ लोरियाँ गाती है मद्धम-मद्धम सी पवन चले कोयलिया गीत सुनाती है बचा वहाँ आज भी चाँद को "चंदा मामा" कहता है जिस देश में गंगा रहता है जिस देश में गंगा रहता है गाँव का पनघट, पनघट का पानी भरे गगरिया कोई दीवानी ठंडी-ठंडी पुरवाई में मीठी-मीठी ख़ुशबू मत पूछो उस ख़ुशबू में होता है कैसा जादू जादू ऐसा होता है कि हर कोई झूमता रहता है जिस देश में (गंगा रहता है) (जिस देश में गंगा रहता है) भाभी कंगन खनकाती है और माँ लोरियाँ गाती है मद्धम-मद्धम सी पवन चले कोयलिया गीत सुनाती है दिल में बसाकर गाँव की ममता शहर में आया मैं जोगी रमता दिल में बसाकर गाँव की ममता शहर में आया मैं जोगी रमता सुख-दुख सारे मान कर और उनको अपना कर तरह-तरह के नातों से घर बन जाता है सुंदर पल-पल सच्चे रिश्तों का वहाँ प्यार बरसता रहता है जिस देश में गंगा रहता है जिस देश में गंगा रहता है भाभी कंगन खनकाती है और माँ लोरियाँ गाती है मद्धम-मद्धम सी पवन चले कोयलिया गीत सुनाती है बच्चा वहाँ आज भी चाँद को "चंदा मामा" कहता है जिस देश में गंगा रहता है जिस देश में गंगा रहता है (जिस देश में गंगा रहता है) (जिस देश में गंगा रहता है) (जिस देश में गंगा रहता है) (जिस देश में गंगा रहता है)
Writer(s): Dev Kohli, Anand Raj Anand Lyrics powered by www.musixmatch.com
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