Letra

प्यार जितना भी था मेरे पास में वो नाम तेरे ये दिल कर गया इश्क़ लाए जो तुम मेरे वास्ते तो सीधा सज्दे में दिल गिर गया कल तक मेरी ज़िंदगी बिन तेरे नाराज़ थी हुई है राज़ी आ के तेरे रू-ब-रू ख़ुदा से तुझे माँगे दुआ में मजबूर दिल हुआ है तुझे पा के जहाँ में मशहूर दिल ना रह सका है तुझसे इक पल अब दूर दिल किया है तूने जब से मेरा मंज़ूर दिल, मंज़ूर दिल क़िस्मत मिलाने हमको ख़ुद चल के आई है तो फिर किस लिए हैं दूरियाँ? मिल के लकीरें सारी कहती हैं बारी-बारी इश्क़ करें हम बेपनाह मिलूँगा मैं ज़माने को भुला के तुझे सीने से लगा के, यही बोले मेरा जुनूँ जो मुझे दुनिया से निकाले करे तेरे हवाले, राह बस वो चुनूँ हर धूप की तू छाँव रे ख़ुदा से तुझे माँगे दुआ में मजबूर दिल हुआ है तुझे पा के जहाँ में मशहूर दिल ना रह सका है तुझसे इक पल अब दूर दिल किया है तूने जब से मेरा मंज़ूर दिल, मंज़ूर दिल खोलूँ ना मैं जो आँखें बाँहों में तेरी आ के तो क्या करोगे, हमसफ़र? हाँ, वो दिन ना आने देंगे, तुझको ना जाने देंगे इश्क़ अधूरा छोड़ कर कभी जो मेरे बिन तूने, यारा, कोई लम्हा गुज़ारा बे-मौत मर जाऊँगी मिले जो मुझे तेरा इशारा तो जान भी, यारा तेरे नाम कर जाऊँगी सब बाद तेरे, साँवरे ख़ुदा से तुझे माँगे दुआ में मजबूर दिल हुआ है तुझे पा के जहाँ में मशहूर दिल ना रह सका है तुझसे इक पल अब दूर दिल किया है तूने जब से मेरा मंज़ूर दिल, मंज़ूर दिल
Writer(s): Arafat Mehmood, Ashish Kulkarni, Pawandeep Rajan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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