Letra

खिड़कियाँ खोल के रखना ज़रा आएगा रास्ता कोई आँखें ना मींचना जागना सही रोशनी रास्ते में होगी डर तुमको कैसा जो मैं ना हूँ वहाँ तुम्हारे ही लिए हूँ ये ख़त मैं लिख रहा जो पढ़ लो तो मुस्कुराना प्यार से यूँही... बेवजह सोचना क्या ख़ता हुई बात ये ठीक तो नहीं हम कभी अर्श पे फ़र्श पे कभी यूँही चलती ये ज़िंदगी ग़म तुम को कैसा जो चुप है ये समां तुम्हारे ही लिए है ये गीत लिख रहा जो सुन लो तो गुनगुनाना प्यार से यही... तुम अकेले नहीं हो तुम सा कहीं है कोई मिल के गुनगुनाएँगे गीत यही हम कभी...
Writer(s): Dream Note Lyrics powered by www.musixmatch.com
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