Letra
आती हो तो बारिश लेते आना
जी भर के रोने का दिल करता है
रहती है ये ख़्वाहिश होंठों पर ही
जब भी ये दिल मेरा जो भरता है
कुछ ख़्वाब हैं लिखे ख़तों में, तुम को सौंप दूँ
इस दर्द की ज़मीन पे मैं खुद को रोप दूँ
वक़्त की थी हमसे कुछ नाराज़गी
कह ना सके हम वो बातें आज भी
जिनको लिए हम-तुम हो गए जुदा
फिर भी वो लम्हे तुम लेते आना
आधे-अधूरे से जो छूटे थे
तारे भी वो सारे लेते आना
जो हमने देखा था कि टूटे थे
कुछ चल रहा है साथ-साथ और है कुछ थमा
ग़म बह रहा है आस-पास और है कुछ जमा
आती हो तो बारिश लेते आना
जी भर के रोने का दिल करता है
रहती है ये ख़्वाहिश होंठों पर ही
जब भी ये दिल मेरा जो भरता है
Writer(s): Hiten Kumar, Aahil World
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